कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है: Krishak Durghatna Kalyan Yojana

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना (Krishak Durghatna Kalyan Yojana) इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने की है। इस योजना के अंतर्गत जिन किसानों के पास खतौनी है। उनकी किसी हादसे में मृत्यु अथवा कोई अंग जैसे हाथ, पैर या आंखें चली जाती हैं तो ऐसे किसानों के सदस्यों को 5 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाता है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है इस योजना में ऐसे भी किसानों को शामिल किया गया है जो किसी की बटाई अथवा पट्टे पर खेती करते हैं। ऐसे भी किसानों को इस योजना में सम्मिलित किया गया है।

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‘कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ का मुख्य उद्देश्य यह है कि ऐसे किसानों को एक छोटी राशि प्रदान कर उनके जीवन को बेहतर ढंग से व्यतीत करने में मदद हो सके। इस योजना का लाभ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से लिया जा सकता है उसी के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे तो चलिए जानते हैं।

Krishak Durghatna Kalyan Yojana क्या है?

कृषक दुर्घटना योजना भारत सरकार द्वारा चलाई गई एक किसानों के लिए महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के अंतर्गत जितने भी किसानों का किसी हादसे या किसी भी दुर्घटना में हादसा हो जाता है। तो किसान के परिवार के सदस्यों को 2 से 5 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाता है।

Krishak Durghatna Kalyan Yojana का लाभ निम्न तथ्यों पर मिलेगा।

1. आग में जलनें पर
2. जानवरों के द्वारा नुकसान पर
3. बिजली के झटके के कारण
4. डकैती में हत्या होने पर
5. बाढ़ में बह जाने के कारण
6. घर गिर जाने पर
7. आतंकी हमले से
8. एक लड़ाई के होने पर
9. किसी यात्रा में हादसे
10. भूस्खलन से
11. पेड़ के गिरने पर
12. चैम्बर में गिरने से

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के फायदे

इस योजना का योगदान निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर किया जाता है-

तथ्यअनुदान राशि
किसान के दोनों हाथ और पैर के नुकसान पर 5 लाख रुपए
20% से 50% विकलांगता होने पर 1 से 2 लाख रुपए
दुर्घटना होने पर किसान की मृत्यु5 लाख रुपए
एक पैर और एक हाथ के नुकसान पर 5 लाख रुपए
दुर्घटना में आंख की हानि होने पर5 लाख रुपए

Krishak Durghatna Kalyan Yojana की पात्रता

  • उत्तर प्रदेश के ऐसे किस जिनके पास खुद की भूमि नहीं है वे बटाई अथवा किराए पर खेती करते हो उन्हें भी इस योजना का लाभ प्राप्त होगा।
  • मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण लाभ 60 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता से पीड़ित किसान को दिया जाएगा।
  • किसान की 14 सितंबर 2019 के बाद ही किसी प्रकार की दुर्घटना हुई हो तभी उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा।
  • आवेदक की उम्र 18 से 70 साल के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदनकर्ता की मृत्यु होने के पश्चात इस योजना का लाभ उसके परिवार की पत्नी, माता-पिता और पुत्रवधू को मिलेगा

Krishak Durghatna Kalyan Yojana सहायता हेतु आवेदन पत्र

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का आवेदन ऑनलाइन

  • स्टेप 1. आवेदकों को योजना की आधिकारिक वेबसाइट ई-डिस्ट्रिक्ट पर जाना होगा
  • स्टेप 2. होम पेज Login पर क्लिक करें और सिटिजन लाॅगिन ( ई- साथी ) पर क्लिक करें।
  • स्टेप 3. इसके बाद यूजर आईडी, पासवर्ड और सुरक्षा कोड भरकर लॉगिन करें।
  • स्टेप 4. जो लोग पहले से पंजीकृत नहीं हैं। उनको नए उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकृत करने के लिए पंजीकरण के विकल्प पर क्लिक करके पंजीकृत करना होगा।
  • स्टेप 5. पंजीकृत करने के बाद लॉगिन करें और मुख़्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना हेतु आवेदन पत्र पर क्लिक करें।
  • स्टेप 6. अगले पेज पर योजना से संबंधित आवेदन पत्र खुल जाएगा जिसमें पूछी गई सभी जानकारी दर्ज करें।
  • स्टेप 7. जैसे – दुर्घटना पीड़ित का विवरण, दावेदार का पता और व्यवसाय, दुर्घटना का विवरण आदि।
  • स्टेप 8. इसके अलावा, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। स्टेप 9. अंत में, आवेदन पत्र जमा करें।

Krishak Durghatna कल्याण योजना का आवेदन ऑफलाइन

  • चरण 1. सबसे पहले किसान या उसके परिवार के सदस्यों को दुर्घटना के 45 दिन के अंदर जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन पत्र में दुर्घटना की सारी जानकारी देनी होगी।
  • चरण 2. इसके बाद आवेदन को तहसील में जमा किया जाएगा, जिसके दौरान अधिकारियों द्वारा सभी विवरणों की जांच की जाएगी।
  • चरण 3. सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़

1. आवेदनकर्ता किसान की ओरिजिनल भूमि की फोटोकॉपी जिस पर किसान का नाम दर्ज हो

2. यदि किसान के पास जमीन नहीं है वह दूसरे लोगों की जमीन बटाई और किराए पर खेती करता था (i) उस भूमि के मालिक की जमीन की ओरिजिनल फोटोकॉपी जिस पर किसान दुर्घटना में मृत अथवा विकलांग हो जाने के पूर्व खेती करता था। (ii) यदि भूमि का मालिक जमीन की ओरिजिनल फोटो कॉपी देना नहीं चाहता अथवा समय पर उपलब्ध न हो तो उसे दिशा में ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल के एक प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर होने चाहिए।

  • आयु प्रमाण पत्र.
  • निवास प्रमाण पत्र
  • परिवार के सदस्यों का विवरण.

Krishak Durghatna Kalyan Yojana से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. योजना के अंतर्गत क्या लाभ हैं?
उत्तर: 1. किसान के दोनों हाथ और पैर खोने पर मुआवजा- 5 लाख रुपए। 2. 1 हाथ और 1 पैर खोने पर- 5 लाख रुपए। 3. एक पैर और एक हाथ की विकलांगता की स्थिति में- 2 से 3 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता। 4. दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर- 5 लाख रुपए तक की मुआवजा राशि दी जाएगी। 5. 25% से अधिक लेकिन 50% से कम विकलांगता की स्थिति में- 1 से 2 लाख रुपए तक की सहायता। 6. दुर्घटना में एक आंख खोने पर- 5 लाख रुपए तक की सहायता।

प्रश्न 2. लाभ किसे मिलेगा?
उत्तर: जिस आवेदनकर्ता की दुर्घटना 14 सितंबर 2019 के बाद हुई होगी। उसी किसान को इस योजना का लाभ मिलेगा

प्रश्न 3. इस योजना के अंतर्गत किस आयु वर्ग के किसान पात्र हैं?
उत्तर: 18 से 70 साल के बीच उम्र होनी चाहिए।

प्रश्न 4. किसान की मृत्यु के बाद किसे मिलेगा लाभ?
उत्तर: उनके परिवार के माता-पिता, पत्नी, पुत्रवधू, बेटा, बेटी, पोता और पोती को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

प्रश्न 5. कृषक दुर्घटना कल्याण योजना क्या है?
उत्तर: दुर्घटना के पश्चात सरकार किसानों को मुआवजा देगी।

प्रश्न 6. क्या वे किसान भी पात्र हैं जिनके पास अपना खेत/जमीन है?
उत्तर: हां ऐसे भी किसान पात्र हैं जिनके पास स्वयं की भूमि नहीं है बटाई अथवा किराए पर खेती करते थे वह भी किसान इस योजना के लिए पात्र है ।

प्रश्न 7. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: 1. पंजीकरण 2. आवेदन पत्र भरें 3. दस्तावेज संलग्न करें 4. जमा करें।

प्रश्न 8. विकलांगता का कितना प्रतिशत लाभ पात्रता माना जाता है?
उत्तर: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों की किसी दुर्घटना में विकलांग हो गए हैं जिनकी विकलांगता 60% से अधिक है वह भी इस योजना के लिए पत्र है।

प्रश्न 9. कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
उत्तर: 1. ज़मीन का दस्तावेज़ 2. आयु प्रमाण पत्र 3. पते का प्रमाण 4. परिवार के सदस्यों का विवरण

प्रश्न 10. लाभ पाने के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया क्या है?

उत्तर: चरण 1. सबसे पहले किसान या उसके परिवार के सदस्यों को दुर्घटना के 45 दिनों के अंदर जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन पत्र में दुर्घटना की सारी जानकारी देनी होगी। चरण 2. इसके बाद आवेदन को तहसील में जमा करना होगा, जिस दौरान अधिकारियों द्वारा सभी विवरणों की जांच की जाएगी। चरण 3. सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक किसान को इस योजना के तहत लाभ प्रदान किया जाएगा

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मुख़्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना हेतु आवेदन पत्र

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