Engineer Kaise Bane
1. इंजीनियरिंग क्या है?
इंजीनियरिंग शब्द का लैटिन नाम ‘इंजेनियम’ है जिसका मतलब चतुराई होता है। यदि इंजीनियरिंग को अगर हम आसान शब्दों में समझे तो इंजीनियरिंग एक ऐसा विज्ञान है। जिसमें गणित और विज्ञान का उपयोग करके मशीनों की संरचना बनाने से लेकर उनको एक मशीन बनाने तक के पूरे procedure को इंजीनियरिंग कहते हैं।
चाहे वह एक इमारत बनाना हो या एक डैम बनाना ये सभी इंजीनियरिंग के माध्यम से ही बनती हैं। आज के समय में इंजीनियरिंग बहुत तेजी से विकसित हो रही है चाहे वह विज्ञान के क्षेत्र में है या कृषि के क्षेत्र में सभी जगहों पर इंजीनियरिंग की मदद से सभी क्षेत्रों में सफलता हासिल की जा रही है। यदि आप इंजीनियरिंग से लगाव रखते हैं या एक इंजीनियर बनना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है इस लेख में आप जान पाएंगे कि इंजीनियरिंग कैसे बनते हैं, और इसका आगे क्या भविष्य है और इसकी सैलरी कितनी होती है।
2. इंजीनियरिंग कितने प्रकार की होती है- Engineer Kaise Bane
इंजीनियरिंग मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है: (1) केमिकल इंजीनियरिंग (2) सिविल इंजीनियरिंग (3) इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग (4) मैकेनिकल इंजीनियरिंग
(1) केमिकल इंजीनियरिंग(chemical engineering): केमिकल इंजीनियरिंग एक ऐसी शाखा है जिसमें रासायनिक प्रक्रियाओं और ऊर्जा को एक पदार्थ में बदलने के लिए रसायन विज्ञान, भौतिक, गणित और जीव विज्ञान का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण-
- पेट्रोलियम रिफाइनरी
- फार्मास्यूटिकल्स(दवाओं का निर्माण)
- फूड प्रोसेसिंग(खाद्य प्रसंस्करण)
- प्लास्टिक और पॉलीमर उत्पादन
- वॉटर पुरीफिकेशन(पानी की शुद्धता)।
- पेट्रोलियम रिफाइनरी: इस प्रक्रिया में कच्चे तेल से पेट्रोल, डीजल और केरोसिन(मिट्टी का तेल) अलग किया जाता है।
- फार्मास्यूटिकल(दावों का निर्माण): इस प्रक्रिया में अनेक प्रकार की दावों को बनाया जाता है
- जैसे पेरासिटामोल, एल्बेंडाजोल और पेनिसिलिन आदि।
- फूड प्रोसेसिंग(खाद्य प्रसंस्करण): इस प्रक्रिया के दौरान खाद्य पदार्थों के पोषक तत्व और स्वाद को बनाए रखना के लिए तकनीकों को विकसित किया जाता हैं।
- प्लास्टिक और पॉलीमर उत्पादन: इस प्रक्रिया में प्लास्टिक और पॉलीमर का निर्माण केमिकल इंजीनियरिंग द्वारा किया जाता है।
- जैसे पॉलिथीन, पीवीसी।
- वॉटर पुरीफिकेशन(पानी की शुद्धता): इस प्रक्रिया के दौरान पानी को साफ करके उसे पीने योग्य बनाया जाता है
- उदाहरण क्लोरिनेशन डिस्टलेशन और फिल्ट्रेशन आदि।
(2) सिविल इंजीनियरिंग(civil engineering): सिविल इंजीनियरिंग के अंतर्गत हवाई अड्डे, सड़क, रेलवे, सुरंग, बांध और इमारत का निर्माण किया जाता है।
(3) इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग: इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के अंतर्गत जनरेटर, विद्युत मोटर, इलेक्ट्रिक उपकरण, और कंप्यूटर सिस्टम आदि का निर्माण किया जाता है।
(4) मैकेनिकल इंजीनियरिंग: मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतर्गत जैसे ऊर्जा प्रणाली, एयरोस्पेस विमान उत्पाद, हथियार प्रणाली, परिवहन उत्पाद, इंजन कंप्रेसर पावरट्रेन, रोबोटिक टरबाइन आदि का निर्माण किया जाता है।
(5) जैव अभियांत्रिकी: बायो इंजीनियरिंग के अंतर्गत नयी चिकित्सक इमेजिंग तकनीकें, पोर्टेबल और तेज रोग निदान उपकरण कृत्रिम अंग और ऊतक इंजीनियरिंग आदि।
3. भारत में इंजीनियरिंग कैसे करें- Engineer Kaise Bane
योग्यता और तैयारी
1. 12वीं कक्षा में PCM Physics Chemistry Math होनी चाहिए और न्यूनतम 50 से 60% अंक होने चाहिए।
2. छात्रों को 12वीं के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए JEE Mains और JEE Advanced की तैयारी करके अच्छे अंकों से पास होना पड़ता है तभी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलता है।
आवश्यक दस्तावेज
- 10वीं की 12वीं की अंक सूची और प्रमाण पत्र
- प्रवेश परीक्षा स्कोरकार्ड जैसे: JEE Main, JEE Advanced
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- फोटो
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र या माइग्रेशन प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि
- B.Tech और B.E का पाठ्यक्रम 4 साल कोर्स होता है।
- पोस्ट ग्रेजुएशन M Tech या ME 2 साल का कोर्स होता है।
इंजीनियरिंग की फीस
सरकारी कॉलेज में फीस: सरकारी कॉलेज में फीस सालाना 1 से 2.5 लाख रुपए के बीच में होती है
जबकि राज्य में 50 हजार से लेकर 1.5 लाख के बीच होती हैं।
प्राइवेट कॉलेज की फीस: प्राइवेट कॉलेज की फीस सालाना 2 से 5 लाख के बीच होती है।
जबकि राज्यों में 1 लाख से 4 लाख के बीच हो सकती है।
इंजीनियरिंग पूरी होने के बाद कितना वेतन मिलता है सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में
सरकारी क्षेत्र:
- शुरुआती वेतन: ₹3 लाख से ₹6 लाख प्रति वर्ष
- अनुभव के साथ बढ़कर: ₹8 लाख से ₹12 लाख प्रति वर्ष
- प्रमुख पदों पर (जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर, सीनियर इंजीनियर) वेतन अलग-अलग होता है।
निजी क्षेत्र:
- शुरुआती वेतन: ₹4 लाख से ₹12 लाख प्रति वर्ष (टॉप कॉलेजों में ₹20 लाख या अधिक भी हो सकता है)
- 3-5 साल का अनुभव होने पर: ₹8 लाख से ₹25 लाख प्रति वर्ष
- वरिष्ठ पदों पर (प्रोजेक्ट मैनेजर, डायरेक्टर): ₹30 लाख से ₹1 करोड़ तक
भारत के TOP 10 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज- Engineer Kaise Bane
क्रमांक | कॉलेज का नाम | स्थान |
---|---|---|
1 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT Bombay) | मुंबई, महाराष्ट्र |
2 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi) | दिल्ली |
3 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT Madras) | चेन्नई, तमिलनाडु |
4 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT Kanpur) | कानपुर, उत्तर प्रदेश |
5 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (IIT Kharagpur) | खड़गपुर, पश्चिम बंगाल |
6 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (IIT Roorkee) | रुड़की, उत्तराखंड |
7 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची (NIT Trichy) | त्रिची, तमिलनाडु |
8 | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुरथकल (NIT Surathkal) | कर्नाटक |
9 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (IIT Guwahati) | गुवाहाटी, असम |
10 | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर (IIT Bhubaneswar) | भुवनेश्वर, ओडिशा |
भारत के TOP 10 प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज
क्रमांक | कॉलेज का नाम | स्थान |
---|---|---|
1 | बिट्स पिलानी (BITS Pilani) | पिलानी, राजस्थान |
2 | VIT वेल्लोर (VIT Vellore) | वेल्लोर, तमिलनाडु |
3 | मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) | मणिपाल, कर्नाटक |
4 | थापर यूनिवर्सिटी | पटियाला, पंजाब |
5 | बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग | बैंगलोर, कर्नाटक |
6 | SRM इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी | चेन्नई, तमिलनाडु |
7 | पीईएस यूनिवर्सिटी | बैंगलोर, कर्नाटक |
8 | आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग | बैंगलोर, कर्नाटक |
9 | एमएस रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी | बैंगलोर, कर्नाटक |
10 | शिव नाडर यूनिवर्सिटी | नोएडा, उत्तर प्रदेश |
इंजीनियरिंग में सफलता प्राप्त करने वाले– Engineer Kaise Bane
इंजीनियरिंग में सफलता प्राप्त करने वाले कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने नवाचार, मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से न केवल अपने लिए एक उच्च मुकाम हासिल किया, बल्कि समाज और विज्ञान की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यहाँ भारत के कुछ ऐसे इंजीनियर्स की कहानियाँ दी जा रही हैं जिन्होंने बड़ी सफलता पाई:
1. सत्य नडेला (CEO, Microsoft): सत्य नडेला ने भारत के मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री और शिकागो बूथ स्कूल से एमबीए किया। 1992 में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होने के बाद, सत्य नडेला ने कंपनी के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया, जिनमें क्लाउड कंप्यूटिंग का विकास प्रमुख है। 2014 में, वह माइक्रोसॉफ्ट के CEO बने। उनकी नेतृत्व शैली और व्यापार रणनीतियों ने माइक्रोसॉफ्ट को क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया।
2. सुंदर पिचाई (CEO, Google और Alphabet): सुंदर पिचाई का जन्म चेन्नई, भारत में हुआ और उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया। बाद में, वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.एस. और वॉर्टन स्कूल से एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गए। 2004 में गूगल में शामिल होने के बाद, उन्होंने गूगल क्रोम और गूगल ड्राइव जैसी परियोजनाओं का नेतृत्व किया। 2015 में उन्हें गूगल का CEO बनाया गया, और 2019 में गूगल की पेरेंट कंपनी, अल्फाबेट, का CEO बनने का सम्मान प्राप्त हुआ।
3. कल्पना चावला (पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री):
कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, वह अमेरिका गईं, जहाँ उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर और पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। कल्पना चावला 1997 में पहली बार अंतरिक्ष में गईं, और 2003 में अपने दूसरे मिशन के दौरान कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनका निधन हो गया। उनकी यात्रा ने कई युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
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हेलो दोस्तों मेरा नाम “विशाल राज” है। मैं इस ब्लॉग में योजनाओं से संबंधित जानकारी जैसे की योजना का आवेदन कैसे किया जाता है, और योजना का लाभ किस प्रकार लिया जाता है। इसके साथ-साथ योजना में उत्पन्न हुई कमियों को कैसे दूर किया जाता है। योजनाओं से ही संबंधित पूरी जानकारी इस ब्लॉग में उपलब्ध कराता हूं। इस ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद।