MBBS DOCTOR KAISE BANE- एमबीबीएस डॉक्टर बनने की जानें सम्पूर्ण प्रक्रिया।

MBBS Doctor Kaise Bane:

MBBS‘ का पूरा नाम “बैचलर ऑफ,मेडिसिन बैचलर ऑफ़ सर्जरी” है। जो 5 से 6 साल का कोर्स होता है, इस कोर्स को करने के लिए एक विद्यार्थी को भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ 10+2 उत्तीर्ण की हो। इसके पश्चात ‘NEET’ “राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा” को एक अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करना आवश्यक है। इसके पश्चात ही आप ‘MBBS’ का कोर्स कर पाएंगे, जिसको हम आगे विस्तार से जानेंगे।

mbbs doctor kaise bane

1. MBBS कोर्स क्या है?

एमबीबीएस एक ऐसा कोर्स है जिसको करने के पश्चात आप एक योग्य चिकित्सक अधिकारी बन जाते हैं। जिस कोर्स को पूरा करने के बाद मानव शरीर की बीमारियों का उपचार करने के साथ-साथ चिकित्सक विज्ञान की बहुत सारी जानकारी हो जाती है। जिसके बाद आप एक योग्य चिकित्सक अधिकारी बन जाते हैं

  • एमबीबीएस का पूरा नाम क्या है?
    MBBS’ का पूरा नाम “बैचलर ऑफ,मेडिसिन बैचलर ऑफ़ सर्जरी” है।
  • MBBS कोर्स की अवधि कितने वर्ष की होती है?
    इस कोर्स की अवधि 5 से 6 वर्ष होती है। 5 वर्ष की अवधि के अंतर्गत अध्ययन कराया जाता है, और एक साल के कोर्स में इंटर्नशिप कराई जाती है।

2. MBBS डॉक्टर कैसे बनें?- MBBS Doctor Kaise Bane


एमबीबीएस डॉक्टर बनने के लिए एक विद्यार्थी को (PCB) भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों के साथ हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कम से कम 50% अंकों के साथ पास होना चाहिए। जबकि एससी,एसटी और ओबीसी छात्रों को कम से कम 40% अंकों के साथ पास होना चाहिए। इसके बाद ‘NEET’ की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास करना होगा।

  • MBBS के लिए क्या-क्या योग्यता चाहिए?
    एमबीबीएस के कोर्स के लिए NEET पास किए हुए छात्रों के नंबर ( जनरल कैटिगरी के छात्रों के नंबर 600+, ओबीसी के छात्रों के नंबर 550+ , जबकि एससी और एसटी के छात्रों के नंबर 450+ से अधिक नंबर होने चाहिए।

3. NEET परीक्षा क्या है?

NEET का पूरा नाम “राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा” है। यह परीक्षा हर साल मेडिकल उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाती है। जिस परीक्षा को पास करने के बाद ही मेडिकल संस्थानों में प्रवेश मिलता है।

  • NEET के लिए कैसे तैयारी करें?
    नीट की परीक्षा में आने वाले प्रश्न 11वीं और 12वीं की भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विषयों से संबंधित प्रश्न आते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए भारत में विभिन्न प्रकार की कोचिंग क्लासेस चलती हैं। जिनकी फीस भी बहुत अधिक है, यदि आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है तो आप सेल्फ स्टडी करके इस परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हैं। उसके लिए आपको दिन-रात मेहनत करनी पड़ेगी। हर वर्ष बहुत से ऐसे उम्मीदवार भी रह चुके हैं, जिन्होंने बिना कोचिंग किए इस परीक्षा को पास कर लिया।
  • NEET में प्रवेश लेने के लिए कितने अंक चाहिए होते हैं?
    इस परीक्षा में प्रवेश लेने के लिए एक विद्यार्थी को हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में 50% अंकों से पास होना चाहिए, जबकि एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों का काम से कम 40% अंकों के साथ पास होना चाहिए।

4. MBBS में प्रवेश लेने की क्या प्रक्रिया है?- MBBS Doctor Kaise Bane

भारत में एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना पड़ेगा।

  • शैक्षणिक योग्यता और आयु संबंधी जरूरतों को पूरा करना होगा।
  • आप नीट की परीक्षा में पास होने चाहिए।
  • नीट के स्कोर के अनुसार मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए काउंसलिंग करवाना होगा।
  • सीट मिल जाने के बाद मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को पूरा करें।

5. MBBS में दाखिले के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए?

  • एमबीबीएस में प्रवेश लेने का आवेदन पत्र
  • नीट यूजी 2024-25 का एडमिट कार्ड
  • 2024-25 NEET का स्कोर कार्ड
  • जन्मतिथि प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • 10वीं की मार्कशीट
  • 12वीं की मार्कशीट
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • चरित्र प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • राशन कार्ड
  • निर्वाचन कार्ड
  • जाति प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
    आदि कागजों की एक-एक प्रति देनी होगी, कालेज में।

6.भारत में सबसे अच्छे सरकारी MBBS कॉलेज कौन से हैं?

यहां पर दिए गए भारत के सबसे अच्छे एमबीबीएस कॉलेज हैं। अधिकतर लोग इन कॉलेज में जाने की सलाह देते हैं। जिनका एक्सपीरियंस इन कॉलेज में अच्छा रहा है।

1ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, (AIIMS, दिल्ली)
2पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER, Chandigarh)
3क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, (तमिल नाडु)
4नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेस
5जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, (पुडुचेरी)
6अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर (तमिल नाडु)
7संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, (राज्य- उत्तर प्रदेश)
8बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, (उत्तर प्रदेश)
9कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, (कर्नाटक)
10श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, (केरल)

भारत में सबसे अच्छे प्राइवेट MBBS कॉलेज कौन से हैं?

1क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
2कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मनीपाल
3सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर
4पीएसजी कोयंबटूर, तमिलनाडु
5श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
6क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, लुधियाना पंजाब
7एमएस रामाय्या मेडिकल कॉलेज, बैंगलोर
8जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, बेलगाम
9जेएसएस मेडिकल कॉलेज, मैसूर
10अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोच्चि

7. सरकारी और प्राइवेट MBBS कॉलेजों की फीस में क्या अंतर है?

  • फीस में क्या अंतर
    • सरकारी मेडिकल कॉलेज: सरकारी मेडिकल कॉलेज में फीस बहुत कम होती है लगभग हर वर्ष 10000 हजार से लेकर 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष तक होती है यह कोई फिक्स अमाउंट नहीं है इससे काम भी हो सकता है और अधिक भी।
    • प्राइवेट मेडिकल कॉलेज: प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस और सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस में जमीन और आसमान का अंतर होता है। प्राइवेट कॉलेज की फीस 8 लाख से लेकर 25 लाख तक प्रतिवर्ष या इससे अधिक भी हो सकता है।
  • छात्रवृत्ति और रिजर्वेशन
    • सरकारी मेडिकल कॉलेज: सरकारी कॉलेज में एससी एसटी ओबीसी के लिए आरक्षण और छात्रवृत्ति योजनाएं होती हैं। जो फीस को कम करने में काफी हद तक मदद करती है।
    • प्राइवेट मेडिकल कॉलेज: प्राइवेट कॉलेजों में छात्रवृत्ति योजना काफी सीमित होती हैं।
कॉलेज का प्रकारऔसत फीस प्रतिवर्ष मैनेजमेंटकोटा फीस प्रतिवर्ष
सरकारी कॉलेज10000 रुपए से 2 लाख रुपएसीमित सिटे फीस नियंत्रित
प्राइवेट कॉलेज8 से 25 लाख रुपए30 लाख से 50 लाख या इससे अधिक

8. MBBS की पढ़ाई के लिए क्या कोई छात्रवृत्ति उपलब्ध है?

एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति योजना उपलब्ध है लेकिन खासकर सरकारी कॉलेजों में इसके विपरीत प्राइवेट कॉलेज में यह योजना बहुत कम ही लोगों को मिल पाती हैं। सरकारी कॉलेजों में जितनी प्रवेश शुल्क जमा की जाती है लगभग उतनी ही छात्रवृत्ति आ जाती हैं।

9. MBBS में कौन-कौन से विषय पढ़ाए जाते हैं?– MBBS Doctor Kaise Bane

एमबीबीएस यानी ‘बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ़ सर्जरी’ में निम्नलिखित विषयों को पढ़ाया जाता है

पहले वर्ष में

  • एनाटॉमी (Anatomy): मानव शरीर की संरचना का अध्ययन, जिसमें हड्डियाँ, मांसपेशियाँ, अंग, और नसें शामिल हैं।
  • फिजियोलॉजी (Physiology): मानव शरीर के कार्यों का अध्ययन, जैसे रक्त परिसंचरण, पाचन, श्वसन, और स्नायविक प्रणाली।
  • बायोकैमिस्ट्री (Biochemistry): शरीर में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं और मेटाबोलिज़्म का अध्ययन।

दूसरे वर्ष

  • माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology): बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, और अन्य रोगजनकों का अध्ययन, जो विभिन्न बीमारियों का कारण बनते हैं।
  • फार्माकोलॉजी (Pharmacology): दवाओं का अध्ययन, उनके प्रभाव, उपयोग, और शरीर में उनके असर के बारे में जानकारी।
  • पैथोलॉजी (Pathology): रोगों के कारण, लक्षण, और प्रभाव का अध्ययन, जिसमें कोशिकाओं और ऊतकों में होने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण शामिल है।
  • फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी (Forensic Medicine and Toxicology): कानूनी पहलुओं और विषविज्ञान का अध्ययन, जिसमें मेडिकल क्षेत्र में कानून और दवाओं के जहरीले प्रभावों को समझना शामिल है।

तीसरे वर्ष (भाग I)

  • कम्युनिटी मेडिसिन (Community Medicine): जनस्वास्थ्य और सामुदायिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों का अध्ययन, जिसमें संक्रामक रोगों की रोकथाम और प्रबंधन पर जोर दिया जाता है।
  • ऑप्थाल्मोलॉजी (Ophthalmology): आँखों से संबंधित बीमारियों का अध्ययन और उनका उपचार।
  • ऑटोलेरिन्गोलॉजी (ENT): कान, नाक और गले से संबंधित बीमारियों का अध्ययन।

तीसरे वर्ष (भाग II) या चौथा वर्ष

  • मेडिसिन (Medicine): सामान्य चिकित्सा का अध्ययन जिसमें आंतरिक अंगों की बीमारियों का निदान और उपचार शामिल है।
  • सर्जरी (Surgery): सर्जरी के विभिन्न प्रकार, तकनीक, और प्रक्रियाओं का अध्ययन, जिसमें ऑपरेशन और सर्जिकल टूल्स का उपयोग करना सिखाया जाता है।
  • ऑर्थोपेडिक्स (Orthopedics): हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों से संबंधित बीमारियों और फ्रैक्चर का उपचार।
  • पैडियाट्रिक्स (Pediatrics): बच्चों के स्वास्थ्य और बीमारियों का अध्ययन, जिसमें नवजात और किशोर चिकित्सा शामिल होती है।
  • ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनोकोलॉजी (Obstetrics and Gynaecology): प्रसूति और स्त्री रोग का अध्ययन, जिसमें गर्भावस्था, प्रसव, और स्त्री स्वास्थ्य से जुड़े विषय आते हैं।
  • डर्मेटोलॉजी, साइकियाट्री, और रेडियोलॉजी (Dermatology, Psychiatry, and Radiology): त्वचा रोगों का अध्ययन, मानसिक रोगों का अध्ययन, और रेडियोलॉजी के द्वारा निदान की प्रक्रिया।

इंटर्नशिप
कोर्स के बाद, छात्रों को विभिन्न विभागों में एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है। इस दौरान वे वास्तविक मरीजों का इलाज करने का अनुभव प्राप्त करते हैं और विभिन्न चिकित्सा विभागों में काम करते हैं जैसे:

  • मेडिसिन
  • सर्जरी
  • गायनोकोलॉजी और ऑब्स्टेट्रिक्स
  • पीडियाट्रिक्स
  • कम्युनिटी मेडिसिन
  • इमरजेंसी मेडिसिन

10. MBBS डॉक्टर की सैलरी कितनी होती है?-MBBS Doctor Kaise Bane

एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी कई चीजों पर निर्भर करती है। यहां पर एक अनुमान के अनुसार अंकित है।

  • एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी सरकारी अस्पताल में 50 हजार से लेकर 80 हजार के अंदर प्रतिमाह होती है।
  • प्राइवेट अस्पतालों में शुरुआत में वेतन 40 हजार से लेकर 70 हजार के बीच प्रतिमाह होती है।
  • 5 साल से ज्यादा अनुभव वाले एमबीबीएस डॉक्टर को प्रतिमाह एक से दो लाख सैलरी मिलती है।
  • एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सैलरी प्रतिमाह 1 से 3 लाख रुपए होती है।
  • 10 साल से ज्यादा अनुभव वाले डॉक्टर को चार से पांच लाख रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है।
  • भारतीय सेवा में चिकित्सा अधिकारी को प्रति वर्ष 11 से 12 लाख रुपए का वेतन मिलता है।

11. विदेश में MBBS की फीस कितनी होती है?-MBBS Doctor Kaise Bane

विदेश में MBBS करने की फीस कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि देश, कॉलेज, कोर्स की अवधि, और अन्य खर्चो पर। यहाँ कुछ ऐसे टॉप 10 देश हैं जहाँ भारतीय छात्रों के लिए MBBS की फीस कम होती है।

क्रमांकदेशऔसत वार्षिक फीस (INR)
1किर्गिस्तान₹3-5 लाख
2कजाकिस्तान₹4-6 लाख
3रूस₹4-8 लाख
4यूक्रेन₹4-8 लाख
5चीन ₹5-7 लाख
6नेपाल ₹6-10 लाख
7 फिलीपींस ₹5-7 लाख
8 बांग्लादेश ₹6-9 लाख
9जॉर्जिया ₹4-6 लाख
10अजरबैजान₹4-7 लाख

महत्वपूर्ण बातें:
अतिरिक्त खर्च: इस फीस में होटल का खर्चा, खाने पीने ,वीजा और अन्य खर्चों को इस फीस के साथ नहीं जोड़ा गया है।
काउंसलिंग एवं मान्यता: भारत में मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया (MCI) या नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की मान्यता प्राप्त कॉलेज चुनना अनिवार्य है।

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